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ट्रैक्टर ट्रॉली चोरी मामले में आरोपी भूषण ठाकरे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

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By Sarkarmzanews

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दिनांक 01: अकोला: अकोट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री. बी। एम। पाटिल ने तेल्हारा थाने की फाइल पर अपराध क्रमांक. 1/2025 धारा 303 (2) भूषण श्रीकृष्ण ठाकरे, उम्र 22 वर्ष, भारतीय न्याय अधिनियम 2023 के अपराध में आरोपी अकोला ने तेलहारा तालुका के घोडेगांव में अपने कब्जे में एक ट्रैक्टर ट्रॉली चोरी करने के मामले में अभियोजक ज्ञानेश्वर वैराले द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।

इस मामले के आरोपी भूषण श्रीकृष्ण ठाकरे की इस मामले में मौत हो गई थी. मुकदमा दर्ज कराने के बाद 01/01/2025 से फरार है।संक्षेप में इस मामले में तथ्य यह है कि इस मामले में सरकार की ओर से सरकारी वकील अजीत देशमुख ने अदालत में लिखित जवाब और दलीलें दायर कीं कि इस मामले में डी. दिनांक 01/01/2025 को वादी ज्ञानेश्वर भाऊराव वैराले निवासी. घोडेगांव तेल्हारा ने शिकायत की कि उनका दामाद गोपाल पांडुरंग अधाऊ रहता है।

गांधीग्राम के स्वामित्व वाले ट्रैक्टर और ट्रॉली क्रमांक. MH30BW1473 ट्रैक्टर वादी ने अपने घर पर रखा था और ट्रॉली फाजिल खान हफीस खान दिनांक के प्लॉट में खड़ी थी। दिनांक 31/12/2024 को लगभग 2:00 बजे से 22:00 बजे के बीच फाजिल खान के घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे में किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा उक्त ट्रॉली को महेंद्र कंपनी के ट्रैक्टर से जोड़ा गया था। कैमरे पर दिखे. साथ ही मोबाइल डेटा से दो आरोपियों की पहचान की गई है.

इनमें उपरोक्त आरोपी भूषण ठाकरे मा. गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। लेकिन इस अपराध में चोरी की गई सामान की ट्रॉली कीमत 1,90,000/- अभी तक आरोपियों से बरामद नहीं हो पाई है। साथ ही इस बात की भी संभावना है कि इस अपराध में और भी आरोपी हैं और इसका पता लगाना अभी बाकी है. यह भी पता लगाया जाना है कि क्या आरोपी ने चोरी की ऐसी अन्य वारदातों को अंजाम दिया होगा। साथ ही जब मोबाइल फोन का लोकेशन डेटा चेक किया गया तो देखा गया कि सीसीटीवी में जब आरोपी मोबाइल फोन पर बात कर रहा है तो वह वहीं मौजूद है. साथ ही इस वारदात में आरोपी ट्रॉली लीडर सीसीटीवी फुटेज में बातचीत करता नजर आ रहा है. मामले की गहनता से जांच करने के लिए आरोपी से थाने में पूछताछ की जानी चाहिए. इसी वजह से सरकारी वकील अजीत देशमुख ने कोर्ट में दलील दी कि सरकार और बनाम की ओर से आरोपी की गिरफ्तारी पूर्व जमानत अर्जी खारिज कर दी जानी चाहिए.

दोनों पक्षों की बहस के बाद कोर्ट ने आरोपी की गिरफ्तारी पूर्व जमानत की अर्जी खारिज कर दी.


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